ब्राह्मण का डर।
ब्राह्मण ना तो भूतों से डरता है ना हि डरता है किसी भगवान से
वो डरता है शुद्रों को हक अधिकार देने से।
वो डरता है शुद्रोँ को बराबरी का दर्जा देने से।
वो डरता है sc, st, obc जो शुद्र है,वो कहीं ऊनसे आगे ना निकल जाये।
वो डरता है ऊनके फैलाये हुये अंधश्रद्धा से कहीं sc, st, obc बाहार ना निकल जाये।
वो डरता है सबकी समानता से,
वो सोचता है, अगर कोई निच हि नही रहेगा , तो वो ऊँचा कैसे रहेगा।
वो डरता है, sc, st, obc को अगर जाति आधार पर आरक्षण दिया जायेगा। तो शुद्र अपनी तरक्की कर लेगा और ऊसकी चुँगुल से बाहर निकल जायेगा।
खुद जागेगा और औरों को भी जगायेगा।
वो ऐसी हर उस बातों से डरता है , कहीं sc, st, obc एक हो गया , तो फिर इस देश का नियंत्रण obc के हात में आ जायेगा।
और obc न्याय पुर्ण समानता से संपुर्ण देश को चलायेगा।
और ऊनका काला चिठ्ठा बाहार निकालेगा।
और ऊनको दंडित भी करेगा।
इस लिये हर हाल में वह sc, st, obc को कभी एक होने नही देगा।
वह हर हाल में अपना प्रभुत्व नही छोडेगा।
ऊसके लिए चाहे कितने लोग मरे , चाहे देश हजारों साल पिछे जाये।
ऊसे अपने स्वामित्व तथा
प्रभुत्व से मतलब है।
ऊसे अपनी और अपने समुदाय कि छोड देश में कीसी कि कोई पर्वाह नही है।
देश कि जनता को गंभीरता से सोचना पडेगा।
सत्ता तक्ता पलट होना चाहीए।
अपनी सत्ता रहने के लिए क्या क्या षडयंत्र किये गये ,यह सब जनता को पता है।
इसके बावजुद भी जनता क्या सोचती है ,वह तो जनता जनार्दन पर ही निर्भर है।
और डरता है तो सिर्फ,. .. .
डाॕ. बाबासाहब_और ऊनके_संविधान से....💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐